आंसु आँखों में छुपाती हूँ
आंसु आँखों में छुपाती हूँ
मुझे रूठें हुए अपनों को मानना नहीं आता
आंसु आँखों मे छुपाती हूं दिखाना नहीं आता
लोगों से हंस कर मिलती हूँ आजकल मैं
सबको दिल का दर्द जताना नहीं आता
किसी के जाने के बाद और
किसी से दिल का बात बताना नहीं आता
वेपरवाह सी हो गयी हूँ मैं कुछ दिनों में
इस पत्थर को अब पिघलना नहीं आता
अपनों की परवाह मे मै पिघल जाती हूँ
सबको देख कर झूठी हंसी हंस जाती हूँ
आज भी उन्ही का ख्याल है मेरे दिल मे
लेकिन उन्ही को भूल कर जीना मुझे नहीं आता
उनके जाने के इतने दिन बाद भी
उन्हे अपने से दूर करना मुझे नहीं आता
आंसू आँखों मे छुपाती हूँ दिखाना नहीं आता !!!
