Lokesh Sharma
Inspirational
ज़रा देखो जगह देके,
ग़मों को दिल में बसने की।
उन्हें भी हो ही जाएगी,
कभी आदत ये हंसने की।।
आदत हंसने की
नहीं आसान राहें कोई थोड़ी दुनियादारी भी सीख ले कोरे पन्ने सा है तू तकदीर अपनी तू लिख ले नहीं आसान राहें कोई थोड़ी दुनियादारी भी सीख ले कोरे पन्ने सा है तू त...
है मेरी ख्वाहिश आखिरी, जब भी अंतिम सांस लूँ, हिन्द की धरा पे ही मेरा अंत हो, हिन्दुस्तान है मह... है मेरी ख्वाहिश आखिरी, जब भी अंतिम सांस लूँ, हिन्द की धरा पे ही मेरा अंत हो, ...
अपने परिवार का कर त्याग, देश्भक्ति की, जिनके भीतर जले आग, भारत माता पर ना आने दे कोई ... अपने परिवार का कर त्याग, देश्भक्ति की, जिनके भीतर जले आग, भारत माता प...
काले से कैनवास पर उम्मीदों के रंग बिखर गए उस सुबह लगा डर छूट गया है पीछे, और आगे हम नि... काले से कैनवास पर उम्मीदों के रंग बिखर गए उस सुबह लगा डर छूट गया है पी...
भले ही दीपक अंधेरे को अपने अंदर ही समेटना चाहता था ताकि उन बच्चों का ध्यान वहां न ... भले ही दीपक अंधेरे को अपने अंदर ही समेटना चाहता था ताकि उन बच्चों...
कोई हाथ जोड़े तुझे नमन करे तो कोई बाँह फैलाये तुझे गले लगाये वो सूरज या चाँद में तुझे ढूँढ... कोई हाथ जोड़े तुझे नमन करे तो कोई बाँह फैलाये तुझे गले लगाये वो सूरज य...
इसलिए तो मैं भारतीय कहलाता हूं। इसलिए तो मैं भारतीय कहलाता हूं।
मुझे जन्म देना हर किसी के बस की बात नहीं जिसने भी मुझे जन्म दिया उसका जीवन संवर गया मुझे जन्म देना हर किसी के बस की बात नहीं जिसने भी मुझे जन्म दिया उसका ...
करो फर्क ना कभी एक ही माँ की सन्तान में। करो फर्क ना कभी एक ही माँ की सन्तान में।
और कहा भी गया है मंज़िल तो मिल ही जानी है, भटकते-भटकते ही सही, गुमराह तो वो लोग है, जो घर... और कहा भी गया है मंज़िल तो मिल ही जानी है, भटकते-भटकते ही सही, गुमराह तो...
वो काटकर सिर मेरा तलवार थमा देंगे तेरे हाथों में, और खूब तमाशा देखेंगे बैठ अपने गलियारों मे... वो काटकर सिर मेरा तलवार थमा देंगे तेरे हाथों में, और खूब तमाशा देखेंगे ...
तू सोच मत, बस पढ़ता चल सीखता चल राही, तू बढ़ता चल क्योंकि सांस लेना जरूरी है कुछ करना जरूरी... तू सोच मत, बस पढ़ता चल सीखता चल राही, तू बढ़ता चल क्योंकि सांस लेना जरूरी ...
देख लो कहीं तुम्हारे विवेक की खिड़की तो नहीं बंद है? अपने सोच को विकसित सिर्फ़ तुम ही तो कर... देख लो कहीं तुम्हारे विवेक की खिड़की तो नहीं बंद है? अपने सोच को विकसित ...
यह कविता अपने देश के लिए कवियत्री की चिंता जताती है कि एक ओर जहाँ हम स्वंतंत्रता दिवस मना रहे हैं वह... यह कविता अपने देश के लिए कवियत्री की चिंता जताती है कि एक ओर जहाँ हम स्वंतंत्रता...
ज़िन्दगी तुझे गुनगुना रहा हूँ हाँ मैं तुझे जिये जा रहा हूँ। ज़िन्दगी तुझे गुनगुना रहा हूँ हाँ मैं तुझे जिये जा रहा हूँ।
बात करें आज़ादी की तो ऊधम सिंह दिख जाता है बदला लेने डायर से वो असेम्बली में घुस जाता है बात करें आज़ादी की तो ऊधम सिंह दिख जाता है बदला लेने डायर से वो असेम्बली...
अपनी अपनी किस्मत है अपनी बस्ती में कुछ पाते हैं जीवन में तो कुछ खोते हैं मन में ले संकल्प आस व... अपनी अपनी किस्मत है अपनी बस्ती में कुछ पाते हैं जीवन में तो कुछ खोते हैं म...
वो राहगीर है अपनी राह पे उसे कल निकल जाना ये भूल के बंधन मेरा उस से गहराया वो राहगीर है अपनी राह पे उसे कल निकल जाना ये भूल के बंधन मेरा उस से गहराय...
ज़ख्म खाये हैं बहुत सीने में, सहे हैं दर्द बेपनाह मरहम रूहानियत का लगा, उजालों को लाने चलो ज़ख्म खाये हैं बहुत सीने में, सहे हैं दर्द बेपनाह मरहम रूहानियत का लगा, उजाल...
हमारी माँ, बहनों, बीवी.. बेटियों और औरत कहे जाने वाले हर उस रूप की, जिसका हम शोषण कर र... हमारी माँ, बहनों, बीवी.. बेटियों और औरत कहे जाने वाले हर उस रूप की, जि...