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Swapnil Pande

Inspirational

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Swapnil Pande

Inspirational

19 की सवारी और 20 की तैयारी

19 की सवारी और 20 की तैयारी

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आज 2019 का आखरी दिन हैं,

इस 365 एपीसोडीक सिरीस का ये आखरी सीन हैं 

तो चलिए बीते साल का हिसाब लगाते हैं 

और अगले वर्ष के झूठे वादों की किताब रंगाते हैं 


हम ज्यादातर तो बस झगड़ते रहे साल भर

कभी पटरी उखाड़ कर तो कभी पत्थर उछाल कर

तिरंगे का शांत सफेद, हरे और भगवे के बीच पिसता रहा

क्रान्ति के नाम पर हर नेता युवाओ को घिसता रहा


घिनौने अपराध तो इस साल भी कई हुए

कुछ में सबूत कम पड़े, कुछ दर्ज ही नहीं हुए

हाँ हैदराबाद में जरूर, जल्द ही फैसला आया

इंसाफ का तो पता नही, पर थोड़ा तो हौसला आया


चुनाव हुए...और कमल की एक बार फिर जीत हुई

अच्छे दिनों की आस फिर हर रविवार रिपीट हुई

कश्मीर का सालों पुराना विशेष दर्जा हटाया गया

बैंको को मिला-जुला कर देश का कर्जा छटाया गया


वर्ल्ड-कप में इस बार भारत पार ना सका

अफसोस की अब के माही मार ना सका


कुछ ही दिनों बाद लोगों को देर रात, 

चाँद पे विक्रम के खामोशी की चीख मिली 

हमें उस दिन सफलता से ज्यादा जरूरी चीज,

सीख

मिली 


टूटा तो कुछ तुम्हारा भी होगा 

दिल, सपना या मोबाइल 

पीटा तो कोई तुम्हारा भी होगा

जॉन, शंकर या इस्माइल 

पर सवाल वो नहीं हैं 

की क्या किया और क्या हो सकता था 


सवाल हैं की अब क्या करोगे 

हर गलती पर पीछे मुडोगे

या कैलंडर के अंक की तरह आगे बढोगे

एक साल बदल रहा हैं 

हम कब बदलेंगे

6 इंच स्क्रीन से बाहरी दुनिया की 

हम कब सुध लेंगे


जरूरी नहीं तुम्हारी हर इंस्टा 

स्टोरी का विषय ज्वलंत ही हो 

मानवता की हर समस्या का समाधान तुरंत ही हो 

फिल्टर लगा कर हर जगह 

सेल्फी लेना भी अनिवार्य नहीं 

ये मान ले की हम हर क्षेत्र के आचार्य नहीं 

फसल काटने और बीज रोपने में फर्क होता हैं 

राय रखने और राय थोपने में फर्क होता हैं 


पार्टी में बोर हो रहे हो और घर जाना हैं 

तो जा सकते हो 

पियर प्रेशर के बिना भी दोस्ती 

निभा सकते हो 

आशा हैं 2020 शांति और

सहजता का पैगाम लाए।


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