हिसाब पूरा हुआ
हिसाब पूरा हुआ
गर्मी का मौसम था। श्रीकांत जी घर के बाहर नल पे साबुन लगा कर नहा रहे थे। आँखों में पूरा साबुन लगा था। अचानक उनके पीठ पे किसी ने जोर का मुक्का मारा।
धपाक।
जब तक तक आँखों में पानी डालकर साबुन धोते, वो उड़न छू हो गया। श्रीकांत जी पकड़ नहीं पाए उसको।
उनका भतीजा शशि तुष्ट था।
श्रीकांत जी एक हाई स्कूल में शिक्षक थे। उनका भतीजा शशि उन्हीं के स्कूल में पढ़ता था। लगभग छः महीने पहले श्रीकांत जी ने शशि को सही जवाब नहीं देने पर छड़ी से मारा था। बहुत दिनों से शशि इंतजार कर रहा था। आज चाचाजी के नहाते वक्त वो मौका मिला।
आज हिसाब पूरा हो गया था।