Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Rushabh Shukla

Children Drama Inspirational

5.0  

Rushabh Shukla

Children Drama Inspirational

मासूमियत (Innocence)

मासूमियत (Innocence)

1 min
463


शर्मा जी अभी-अभी रेलवे स्टेशन पर पहुँचे ही थे। शर्मा जी पेशे से मुंबई मे रेलवे मे ही स्टेशन मास्टर थे। गर्मी की छुट्टी चल रही थी इसलिए वह शिमला घूमने जा रहे थे, उनके साथ उनकी धर्मपत्नी मंजू और बेटी प्रतीक्षा भी थी। ट्रेन के आने मे अभी समय था।


तभी सामने एक महिला अपने पाँच साल के बच्चे के साथ आई, शायद वे भी शिमला जा रहे थे। उस महिला के साथ जो बच्चा था वो थोड़ा बातूनी और चंचल था।उसकी चंचलता को देख शर्मा जी बोले - "बड़ा नटखट और मासूम बच्चा है।"


तभी एक लगभग आठ वर्षीय लड़का शर्मा जी के पास आया, उसने फटी और मैली शर्ट पहन रखी थी जो उसके पैर के घुटनो से भी नीचे तक जाती थी और शर्ट की एक हाथ मे घुटने तक फटी हुई थी, नीचे शायद उसने एक अंडरवियर के अलावा कुछ भी नही पहना था। वह एक आशान्वित नजरों से शर्मा जी को देख रहा था, और शायद शर्मा जी ने भी उस बच्चे को देखा था लेकिन देखकर भी अनदेखा कर दिया। लेकिन वह बच्चा अभी भी वहीं बना रहा।


कुछ देर तक यूँ ही खड़े रहने के बाद उसने शर्मा जी का एक हाथ पकड़कर धीरे से नीचे की ओर खींचा, परंतु इस बार शर्मा जी के सब्र का बाँध टूट गया।उन्होंने बच्चे को जोर से झिडकते हुये बोला - "क्या चाहिए ?"


बच्चा पहले तो डर गया परंतु फिर उसने अपने हाथ से मुँह की तरफ इशारा किया, और फिर यथावत हाथ फैला लिए। शर्मा जी ने कहा छुट्टे नहीं है। और तभी ट्रेन भी आ गई और शर्मा जी अपने परिवार के साथ ट्रेन पर सवार हो गया।


वह बच्चा अभी भी अपनी रुआसी नजरों से उन्हें ट्रेन मे चढते हुए देख रहा था, और मन ही मन शिकासती लहजे मे बोला - "क्या भगवान मासूमीयत भी आपने पैसे वालों को दे दिया ?"


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Children