लोग बहरे हैं
लोग बहरे हैं
लोग बहरे हैं इन्हें हाले दिल सुनाया न करो
बंद दरवाज़ों पे आवाज़ लगाया न करो,
पत्थरों से कहां मिलती हैं मुरादें दिल की
इन मज़ारों पे चिरागों को जलाया न करो,
उम्र भर कौन रहा है साथ किसी के
तुम भी अब मेरी याद में यूं आंसू बहाया न करो।