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NOOR EY ISHAL

Inspirational

4  

NOOR EY ISHAL

Inspirational

दिल की सच्ची बातें

दिल की सच्ची बातें

2 mins
533


आओ सुनाऊँ आज कुछ अच्छी बातें

एक सीधे सादे से दिल की सच्ची बातें थी

एक जईफा़ बहुत नेक इबादत गुजा़र

अपने रब के लिये रहती थी वो बेक़रार

अफसोस बेटा बहू हुए दुनिया से रुख़सत

एक पोता ही रह गया उसके पास फ़क़त

वक़्त भी चल रहा था अपनी तेज़ रफ़्तार

उसका पोता भी हो गया अचानक बेकार

कराया बहुत इलाज उसने अपने पोते का

सम्भाले रखा दिल भी इसने अपने पोते का

जब जवाब उसे दे दिया वहाँ हर इक तबीब ने

बताया इक हकीम का पता उसे एक हबीब ने

पहुँचा हुआ हकीम था बहुत मशहूर था

मगर उस बूढ़ी की पहुँच से बहुत दूर था

बस दिन रात रो रोके दुआ किया करती थी

मेरा रब है उम्मीद मेरी यही दम भरती थी

भूला इक दिन राहगीर मंज़िल से वास्ता

फिर बूढी के घर का दिख गया उसे रास्ता

पहुँच गया उसके घर कहा मुसाफ़िर हूँ

भटक गया हूँ यहाँ इस जंगल में बेघर हूँ

वो नेक थी मुसाफिर को घर में बुला लिया

जो कुछ भी था घर में उसको खिला दिया

मुसाफिर बहुत ख़ुश और था अब बेफिकर

अचानक एक बच्चे पर पड़ी उसकी नजर

घर वो में बड़ा लाचार सा लेटा हुआ था

हल्की हल्की साँसें भी वो लेता हुआ था

उस मुसाफिर ने बेचैन होकर बूढी से पूछा

कौनसी तकलीफ़ में मुबतिला है ये बच्चा

पैर इसके बेकार हैं इक हकीम के तलबगार है

इक मशहूर हकीम ज़ुहैर ही इसका मददगार है

मैं गरीब उसके इलाज की ताब नहीं रखती

उसके नाम पते की भी कोई बात नहीं रखती

बस दिन रात रब से ही फ़रियाद करती हूँ

तू ही मंज़िल तक पहुँचाएगा यही कहती हूँ

सुन के अपना नाम वो मुसाफिर चौंक गया

बात उस बूढी की सुन वो बहुत हौल गया

बोला वो मुसाफिर आँखों में आँसू भरकर

मंज़िल आ गयी तेरे घर ज़रा देख मुड़कर

भुला के मुझे रास्ता तेरी मंज़िल बनाया मुझे

देख तेरे रब ने कैसे हकीम से मिलाया तुझे

मान गया आज मैं वो बहुत बड़ा कारसाज़ है

उसके हर एक काम में भले की ही बात है

बेफिक्र हो जा कि पोता तेरा ठीक हो जायेगा

जल्दी ही अपने पैरों से चलके तेरे पास आयेगा

यकीन ने आज अपने रब का करम देख लिया

मंज़िल ने ख़ुद कर उसका पता पूछ लिया।


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