यह जीवन है मेरे लाल
यह जीवन है मेरे लाल
यह जीवन है मेरे लाल
ये धर्मक्षेत्र है, कुरूक्षेत्र है,
पर हर बार सारथी कृष्ण नहीं होंगे
कौन दुर्योधन, कौन दु:शासन
कौन शकुनी, कौन पितामह
यह खुद ही आंकना होग
अपना रथ अब खुद ही हांकना होगा
यह जीवन है मेरे लाल
चाह कर भी हर पल तेरी राहों में
मैं फूल बिछा नहीं सकती
हर तूफानी रात में तुझे
आँचल में छुपा नहीं सकती
तूफानों से खुद ही टकराना होगा
यह जीवन है मेरे लाल
कितने दर्द मिलेगे राहों में
कितने ज़ख्म लगेंगे पाँवों में
हर पल तेरे ज़ख्मों पर
मैं मरहम लगा नहीं सकती
यह जीवन है मेरे लाल
सब यहां दोस्त नहीं होते
दोस्ती में भी बहुत दगे होते हैं
न जाने कहां कहां
आस्तीन के सांप छुपे होते हैं
दगाबाजों से खुद ही संभलना होगा
यह जीवन है मेरे लाल
सपने सदा सच नहीं होते
अरमानों में भी भ्रम होते हैं
काँच की मानिंद दिल टूटते हैं
मैं तुझे सदा ढाढस बंधा नहीं सकती
हकीक़त से खुद ही टकराना होगा
यह जीवन है मेरे लाल
खुद ही नाप समुद्र की गहराई
खुद ही नाप पर्वत की ऊँचाई
किताबों से रटा रटाकर
मैं तुझे हर वक्त
जीवन का पाठ पढ़ा नहीं सकती
खुद ही अनुभव से सीखना होगा
यह जीवन है मेरे लाल
यह माँ तुझे करा सकती है
जीवन संघर्ष की तैयारी
बता सकती है
जीवन का चरम और मरम
दे सकती है दुआओं की दौलत
संस्कारों की अनमोल अमानत
जो करेगी तेरा जीवन गुलज़ार
यह जीवन है मेरे लाल