पत्थर
पत्थर
एक पिता अपने दस साल के बच्चे से इतना ज्यादा क्रोधित हो गया कि उसे दौड़ा-दौड़ाकर मार रहा था। उसे मारने के दौर में उसके हाथ में एक पत्थर आ गया। उसने उस पत्थर को अपने बेटे की तरफ उछाल दिया। वह पत्थर उसके बेटे के सिर के काफी ऊपर से गुजर गया।
वह पत्थर उस बच्चे को कभी भी लगने वाला नहीं था। उस बच्चे को भी बहुत क्रोध आ गया जो पिता उससे बहुत प्यार करते थाआज उसने उसी पर पत्थर उठा दिया। उसने आव देखा न ताव और उसने भी एक पत्थर तबीयत से अपने पिता की ओर उछाल दिया। मगर उस बच्चे का निशाना नहीं चूका।