Ashish Vairagyee

Children

2.5  

Ashish Vairagyee

Children

प्रश्नचिन्ह

प्रश्नचिन्ह

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"उसे कब तक यूँही एक कमरे में क़ैद करके रखोगी तुम, बच्चा है मन में तुम्हारे लिए कुंठायें पाल लेगा तो जीवन पर्यन्त तुम उन्हें मिटा नही पाओगी मान्यता",

विजय टेबल पर चाय का कप रखते हुए मान्यता से बोले,

"इन चार दीवारों में तुम उसकी देह को रोक सकती हो मगर उसकी मानसिक चेतना जो जंगली घोड़ों की तरह हर दिशा में भाग रही है उस पर कैसे अंकुश दोगी तुम। ये हमारा फैलाया हुआ कचरा है जो अब घर के भीतर आने लगा है। तुम उसे tv, phone, net जैसे माध्यमों से अलग रख के समस्या से छुटकारा नहीं पा सकती" 

विजय ऐसा बोलकर फिर से न्यूज़पेपर पढ़ने लगे। 

मान्यता चुप हाथों में नाश्ते की प्लेट पकड़े खड़ी थी। आँखों से आँसू बार बार छलक जा रहे थे।

एक तरफ 'विजय' का गंभीर सुझाव और दूसरी तरफ कमरे की खिड़की से उसकी तरफ प्रेम आशातीत भाव से झाँकता उनका इकलौता मासूम बेटा।

"एक माँ अपने बेटे से ऐसा व्यवहार कर भी कैसे सकती है ये तो पाप है पाप।"  

कुलटा, अभागन, क्लेशनि, सौतेली और पता नहीं किन किन शब्दों से उसने मन ही मन खुद को सुशोभित कर लिया था उन ३-४ घंटो में जब से उसने अपने बेटे को स्टडी रूम में बंद किया है वो भी एक पल चैन से नहीं बैठी हज़ारों सवाल दिमाग में दस्तक दिये जा रहे थे।

एक बार फिर वो जैसे ही बेटे के कमरे की तरफ बढ़ी। उसे सुबह सुबह 12 साल के एक लड़के द्वारा बोली गई सारी बातें जस की तस दिमाग में कील चुभो कर चली गयी और उसके कदम फिर रुक गए। वो सोचने लगी कि मैं उन प्रश्नों का क्या उत्तर दूँ और एक पूरा दृश्य उसकी आंखों के सामने फिर से आ गया।

"मॉम मैं यूट्यूब पर वीडियो सर्च कर रहा था, मुझे जो नहीं मिला उनकी लिस्ट बनाई है आप हेल्प कर दो न प्लीज।"

"अच्छा आप ये बताओ की , 

डिओडरेंट लगाने से लड़कियाँ कैसे चिपक जाती है?

पुलिस को मारने से, चोरी करने से बैंक लूटने से फेमस हो जाते है क्या? बिल्कुल रईस मूवी की तरह।

मॉम! वो हीरोइन उस दिन हीरो के सामने अपने सारे कपड़े क्यो उतार रही है और वो लोग रजाई के अंदर क्या कर रहे थे ?

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अच्छा आप चुप क्यों हो चलो सिर्फ लास्ट वाला बता दो।

ये 'रेप' कैसे करते हैं ?


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