education

education

2 mins
7.3K


सलेमपुर गाँव मे छोटे छोटे बच्चे खेल रहे है जिनकी उम्र 6 से 12 के बीच है। दिन के 11 बज रहे है। उसी समय पोस्टमान रामबाबु के घर आता है।

पोस्टमान: कोई है घर मे? पत्र आई है।

रामबाबु और उसकी पत्नी घर से निकलते है।

पोस्टमान: पत्र आई है। यहाँ पर Signature करो।

रामबाबु: मै अँगुठा लगा ऊगा।

पोस्टमान: रामबाबु अपने औरत से Signature करा लो।

रामबाबु: पोस्टमान वे भी अँगुठा लगायेगी।

पोस्टमान: ठीक है लो अगुँठा लगा दो।
रामबाबुःपोस्टमान इस पत्र मे क्या लिखा है? हमे पढ़ कर बताये।

पोस्टमान:रामबाबु अभी समय नही है। ये बच्चे कौन है।

रामबाबु: मेरे बच्चे है।

पोस्टमान: ये पढ़ने स्कूल जाते है?

रामबाबु: ये पढ़ने नही जाते है।

पोस्टमान: रामबाबु RTE के बारे मे सुने हो।

रामबाबु: नही सुना हुँ।

पोस्टमान (हसते हुए): ठीक है। ये बड़े होकर तुम लोग जैसा बनेगा । दो से चार हो जाना।

यह सब बाते कह कर पोस्टमान चला जाता है। रामबाबु और उसकी पत्नी पोस्टमान की बातो को समझ जाता है। ये लोग अपने बच्चो को लेकर स्कूल पहुँच जाते है। और उसका नाम लिखवाते है।

रामबाबु शिक्षक से पूछता है कि RTE क्या होता है।

शिक्षक: सरकार ने भारत मे शिक्षा को बढ़ाने के लिए एक कानून बनाई है। RTE एक कानून है जिसमे 6 से 14 वर्ष तक के बच्चो को पढ़ना और पढ़ाना सरकार ने अनिवार्य कर दिया है। जिसमे सरकार गरीब बच्चो को स्कूल मे मुफ्त मे पढ़ाती है। सरकार इन लोगो को दोपहर का खाना मुफ्त मे खिलाती है। सरकार इन लोगो को किताबे, कपड़े और स्कूल आने जाने के लिए साइकिल मुफ्त मे देती है जिससे बच्चे पढ़ सके। और कोई बच्चा शिक्षा से वंचित न हो सके। यही देश के भविष्य है। रामबाबु स्कूल से गाँव आता है। गाँव वाले को जामा कर टिचर के कही बात को गाँव वाले को बतलाता है। और कहता है कि हम लोग तो पढ़ नही सके। लेकिन अपने बाच्चो को जरुर पढ़ायेगे ताकि वे हमलोग जैसे अनपढ़ न बने। सभी गाँव वाले अपने बच्चो का दाखिला स्कूल मे करवाते है।

 


Rate this content
Log in

More hindi story from Kumar Baban

Similar hindi story from Children