पलाश की महक और उसका रंग अनूठा सा आभास है पलाश की महक और उसका रंग अनूठा सा आभास है
राधा रानी के संग होली खेले केशव को गोपी देखो घेरे घेरे राधा रानी के संग होली खेले केशव को गोपी देखो घेरे घेरे
कदम जाएंगे तेरे जब हौले से होते होते... कभी तो बँधी गाँठ रिश्तों की मुसकुराकर खोलो.. कदम जाएंगे तेरे जब हौले से होते होते... कभी तो बँधी गाँठ रिश्तों की मुसकुराक...
आँसू न पोंछे तो कोई बात नहीं पर दर्द की वजह पूछे आँसू न पोंछे तो कोई बात नहीं पर दर्द की वजह पूछे
जो जीवन-दहलीज लाँघ बहती चली जाए उस छोर के भी पा जो जीवन-दहलीज लाँघ बहती चली जाए उस छोर के भी पा
उसे भी...इश्क...मुझसे.. उसने हौले से मेरा हाथ चूमा उसे भी...इश्क...मुझसे.. उसने हौले से मेरा हाथ चूमा