शायद कभी मिल जाए स्वर्ग की असली परिभाषा। शायद कभी मिल जाए स्वर्ग की असली परिभाषा।
इश्क़ है; सिलवटों से भरे बिस्तरों में, अपनी प्रेयषी की खुशबू को ढूँढना ! इश्क़ है; सिलवटों से भरे बिस्तरों में, अपनी प्रेयषी की खुशबू को ढूँढना ...
और एक अंतहीन सफर; क्या यही नहीं मोक्ष ! और एक अंतहीन सफर; क्या यही नहीं मोक्ष !
तारीख गवाँ है यारो एक हिटलर भी हो गया गर्दिशे ज़माने मे सिकंदर भी खो गया तारीख गवाँ है यारो एक हिटलर भी हो गया गर्दिशे ज़माने मे सिकंदर भी खो गया
लाइन में लग जाएं। भीड़ भी प्रसन्न। यमराज भी प्रसन्न। लाइन में लग जाएं। भीड़ भी प्रसन्न। यमराज भी प्रसन्न।
काम आएगी ईमानदारी तुम्हारी सब्र रखो। काम आएगी ईमानदारी तुम्हारी सब्र रखो।