आया ऋतुराज वसंत मिट्टी सोंधी सी महक उठी है, मेरे आँगन में भी चिड़िया चहकी है। आया ऋतुराज वसंत मिट्टी सोंधी सी महक उठी है, मेरे आँगन में भी चिड़िया चहक...
आज फिर से खिल उठी हूँ मैं कई अर्से बाद जैसे उठ गयी हूँ मैं। आज फिर से खिल उठी हूँ मैं कई अर्से बाद जैसे उठ गयी हूँ मैं।
पत्थरों को रगड़ा और आग लगा दी हमने, मजहब और सियासत को हवा दी हमने। पत्थरों को रगड़ा और आग लगा दी हमने, मजहब और सियासत को हवा दी हमने।
बच्चों की टोली नाचे हुड़दंग मचा रे। बच्चों की टोली नाचे हुड़दंग मचा रे।
यहां मौसम रूठा रूठा है नदियां सूखी सूखी है। यहां मौसम रूठा रूठा है नदियां सूखी सूखी है।
शुद्ध हवा शुद्ध जल और ताजा फल, चाहता है मन मेरा लहक लहक। शुद्ध हवा शुद्ध जल और ताजा फल, चाहता है मन मेरा लहक लहक।