इंसान बनकर जीना हुआ है किस कदर मुश्किल ए काश! तुम भी कभी हमारी तरह जी पाते इंसान बनकर जीना हुआ है किस कदर मुश्किल ए काश! तुम भी कभी हमारी तरह जी पाते
दोस्त है तो फिर क्या गम है... दोस्त हमदम संग मेरे न किसी से कम है... दोस्त है तो फिर क्या गम है... दोस्त हमदम संग मेरे न किसी से कम है...
समेटने के लिए हमें ही करना होगा अब कुछ इतना आसान नहीं है फिर से समेट पाना। समेटने के लिए हमें ही करना होगा अब कुछ इतना आसान नहीं है फिर से समेट पाना।
टुकड़े की जिंदगी से थक के, मैं खुद को समेटना चाहती हूँ टुकड़े की जिंदगी से थक के, मैं खुद को समेटना चाहती हूँ
मैं भीगना चाहता हूँ, अब इन्हीं वाष्प कणों से बनते बादलों से फूटते पानी के सोते में मैं भीगना चाहता हूँ, अब इन्हीं वाष्प कणों से बनते बादलों से फूटते पानी के सोत...
दिल को अपने बांहों में समेटना तुम्हें आता है, सारा का सारा मेरा संसार बनना सिर्फ दिल को अपने बांहों में समेटना तुम्हें आता है, सारा का सारा मेरा संसार बनना सि...