वह सूरज डूब गया अम्मा कैसे मनाऊंगी रक्षाबंधन रे वह सूरज डूब गया अम्मा कैसे मनाऊंगी रक्षाबंधन रे
मेरे मन के दर्पण में झांकता कोई अतीत सुना रहा मुझे कोई कहानी है मेरे मन के दर्पण में झांकता कोई अतीत सुना रहा मुझे कोई कहानी है
गिरफ़्त में हूं सन्नाटों के गुम है कुछ इन रातों में गिरफ़्त में हूं सन्नाटों के गुम है कुछ इन रातों में
एक पल को लगा क्या मैं सपने में हूँ... फिर लगा....काश....ये सपना ही होता एक पल को लगा क्या मैं सपने में हूँ... फिर लगा....काश....ये सपना ही होता
छुपकर जीवन की सच्चाई से, आ कर ले कुछ नींद चोरी... छुपकर जीवन की सच्चाई से, आ कर ले कुछ नींद चोरी...
इस हिन्द को आवाज़ चाहिए ॥ सुभाष मरे थे विमान दुर्घटना में , तो इतनी ख़ामोशी क्यों है । क्यों दस्तावेज़ ... इस हिन्द को आवाज़ चाहिए ॥ सुभाष मरे थे विमान दुर्घटना में , तो इतनी ख़ामोशी क्यों ...