स्वार्थ की इस दौड़ में बना बैठा है राजा तोड़ संवेदनाएं सबकी, हो जाएगा बेसहारा तू। स्वार्थ की इस दौड़ में बना बैठा है राजा तोड़ संवेदनाएं सबकी, हो जाएगा बेसहार...
तो आओ, मिलकर, भीड़ के शिकार के साथ एक और सेल्फी खिंचाते हैं, तो आओ, मिलकर, भीड़ के शिकार के साथ एक और सेल्फी खिंचाते हैं,
हमें भी हमारा हक दीजिए, हम भी इंसान हैं ये महसूस कीजिये! हमें भी हमारा हक दीजिए, हम भी इंसान हैं ये महसूस कीजिये!
कभी आती थी लोगों के दिलों से गांव की मिट्टी जैसी सौंधी सी खुशबू। कभी आती थी लोगों के दिलों से गांव की मिट्टी जैसी सौंधी सी खुशबू।
शून्य में जाने लगती हैं मन की भावनाएं दम तोड़ने लगती हैं अपनी संवेदनाएं शून्य में जाने लगती हैं मन की भावनाएं दम तोड़ने लगती हैं अपनी संवेदनाएं