उस दिन वक़्त बतायेगा तुमको कितने नारंग थे हम क्यों कहता है ज़माना बेवफा थे तुम। उस दिन वक़्त बतायेगा तुमको कितने नारंग थे हम क्यों कहता है ज़माना बेवफा थे तुम।
ऐसे मोहब्बत के आशिक के हम सताए हुए हैं। ऐसे मोहब्बत के आशिक के हम सताए हुए हैं।
बिना किसी पल रुकते रुकते रोशनी की किरण में ही आलोप हो गई। बिना किसी पल रुकते रुकते रोशनी की किरण में ही आलोप हो गई।
बस्तियों के बीच छत बस एक थी अब तो इक घर का कई हिस्सा हुआ बस्तियों के बीच छत बस एक थी अब तो इक घर का कई हिस्सा हुआ