वक़्त
वक़्त
तू बता ऐ वक़्त तुझको क्या हुआ
क्यूँ तेरा चेहरा लगे उतरा हुआ/1/
हम तेरी खातिर ही भटके दर ब दर
तू नहीं लेकिन कभी अपना हुआ/2/
महफिलें सजती थी कल चौपाल में
दौर अब वो खत्म सब सपना हुआ/3/
हो गये अब गैर जो अपने थे कल
क्या बताएं अब भला क्यूँ क्या हुआ/4/
बस्तियों के बीच छत बस एक थी
अब तो इक घर का कई हिस्सा हुआ/5/
नाप आते थे दुपहरी धूप में
जैसे सूरज हमसे था सहमा हुआ/6/
क्या मिला बोया जो नफरत मुल्क में
आपसी रिश्तों का ही हर्जा हुआ/7/
वक़्त की तस्वीर जब खोली गई
कांच फिर चुभने लगा टूटा हुआ/8/
अब न रोटी की यहाँ तू बात कर
अब अकीदा ही यहाँ मुद्दा हुआ/9/
राब्ता उनसे हमारा अब भी है
दूर रह कर और भी गहरा हुआ/10/
कमसिनी में खेलते थे साथ ही
वक़्त अब बदला तो सब पहरा हुआ/11/
मुब्तिला है वो तरक्की पर बहुत
मुल्क फिर लगता है क्यूँ ठहरा हुआ/12/
कागजों पर घर बने लाखों मगर
राह में क्यूँ है बशर सोया हुआ/13/