हर एक कदम जो बढ़ता है, दिखला जाता है वो दर्पण। हर एक कदम जो बढ़ता है, दिखला जाता है वो दर्पण।
मैं समझती हूँ उसकी यह मजबूरी इसलिये ही तो “मैं नहीं चाहती जन्मना। मैं समझती हूँ उसकी यह मजबूरी इसलिये ही तो “मैं नहीं चाहती जन्मना।
लम्बा सही चुन रास्ता सच्चाई का ईमानदार तभी कहलाओगे। लम्बा सही चुन रास्ता सच्चाई का ईमानदार तभी कहलाओगे।
जलती धूप में पाँव पे छाले खाकर भी सदियों से लंबा सफर तय कर लूँ। जलती धूप में पाँव पे छाले खाकर भी सदियों से लंबा सफर तय कर लूँ।
स्त्रियों का आज उनके बीते कल की गलती है उन्होंने क्यूँ चाहा खुद से लम्बा पुरुष। स्त्रियों का आज उनके बीते कल की गलती है उन्होंने क्यूँ चाहा खुद से लम्बा पुर...
क्या इनके भी आने जाने का समय कोई लिखता होगा ? क्या इनके भी आने जाने का समय कोई लिखता होगा ?