महफ़िल में वाह-वाह और चीख़ उठता हूँ मैं वीराने में। महफ़िल में वाह-वाह और चीख़ उठता हूँ मैं वीराने में।
तुम किताबों में छुपी कोई फटी तस्वीर हो, तुम किसी की याद में रोते ह्रदय का नीर हो तुम किताबों में छुपी कोई फटी तस्वीर हो, तुम किसी की याद में रोते ह्रदय का नीर हो
उनके मखमली पैरों में न चुभना जिनके लिए हम नम आँखों में समुद्र छिपाये है। उनके मखमली पैरों में न चुभना जिनके लिए हम नम आँखों में समुद्र छिपाये है।
तुम शामिल हृदय की गहराईयों के सम्मान में विराजमान कान्हा तुम्ही मेरे अंतर्मन में प्राण तुम शामिल हृदय की गहराईयों के सम्मान में विराजमान कान्हा तुम्ही मेरे अंतर्मन ...
किसी दिन ज़माने के रिवाजों को तोड़ मुस्कुराऊं तब भी इतनी ही तारीफ कर पाओगे क्या!! किसी दिन ज़माने के रिवाजों को तोड़ मुस्कुराऊं तब भी इतनी ही तारीफ कर पाओगे क्...
ठहर जाए तो आबरु बिखर जाए जो निकृष्ट है श्रृंगार से इसके ही तो कुछ विशिष्ट है ठहर जाए तो आबरु बिखर जाए जो निकृष्ट है श्रृंगार से इसके ही तो कुछ विशिष्ट ...