ठहर जाए तो आबरु बिखर जाए जो निकृष्ट है श्रृंगार से इसके ही तो कुछ विशिष्ट है ठहर जाए तो आबरु बिखर जाए जो निकृष्ट है श्रृंगार से इसके ही तो कुछ विशिष्ट ...