एक दूसरे के लिए भटकते रहेंगे मूर्त रूप में अपना साझा अर्थ खो कर। एक दूसरे के लिए भटकते रहेंगे मूर्त रूप में अपना साझा अर्थ खो कर।
और तुम वापस चले जाओ, अपने अनुत्तरित प्रश्नों के साथ और तुम वापस चले जाओ, अपने अनुत्तरित प्रश्नों के साथ
हमारा मन एक सवाल से अनेक सवाल बनाता है... हमारा मन एक सवाल से अनेक सवाल बनाता है...
प्रेम भाई चारा नहीं बचा अब इस जहान पर प्रेम भाई चारा नहीं बचा अब इस जहान पर
भगवान स्वयं तो अनंत हैं और अनंत उनकी महिमा भी प्रश्नों का उतर दें शुकदेव जी पहले करें वो स्तुति क... भगवान स्वयं तो अनंत हैं और अनंत उनकी महिमा भी प्रश्नों का उतर दें शुकदेव जी प...
बहुत से प्रश्न हैं और अनन्त जटिलताएं भी। बहुत से प्रश्न हैं और अनन्त जटिलताएं भी।