अभी तो अल्पविराम है। अभी तो अल्पविराम है।
गिर गया तुम्हारा आचार। किया इस पर विचार। गिर गया तुम्हारा आचार। किया इस पर विचार।
मैंने उनकी अनुपस्थिति में तुम्हारे शब्दों को चुना मैंने उनकी अनुपस्थिति में तुम्हारे शब्दों को चुना
वो लाज है बिखरी हुई ज़मीन पर जो उधड़ा पड़ा। वो लाज है बिखरी हुई ज़मीन पर जो उधड़ा पड़ा।
सहेज कर रखती हूँ जिदंगी की किताब के लम्हे, कलम से टंकित करती हूँ। सहेज कर रखती हूँ जिदंगी की किताब के लम्हे, कलम से टंकित करती हूँ।
चाहे कोई खास हो उसको मिलने की ना आस हो तब रिश्तो को विराम दें..। चाहे कोई खास हो उसको मिलने की ना आस हो तब रिश्तो को विराम दें..।