बांच लेना वो खत जो कभी तुम तक पहुंच ना पाया। बांच लेना वो खत जो कभी तुम तक पहुंच ना पाया।
अब शायद मेरा वो बचपन भी लौट आएगा। अब शायद मेरा वो बचपन भी लौट आएगा।
हमसे ही फिर पहचान हमारी कर जाते हैं ! हमसे ही फिर पहचान हमारी कर जाते हैं !
तुम्हारे साथ गुजारा एक पूरा दिन अब भी रखा है। तुम्हारे साथ गुजारा एक पूरा दिन अब भी रखा है।
विदा करते वक्त मैंने तुम्हारे कपड़ों को इस्त्री करके सूटकेस में रखा था । विदा करते वक्त मैंने तुम्हारे कपड़ों को इस्त्री करके सूटकेस में रखा था ।
उत्तरायण पर लूटी हुई पतंग मैंने तुम से छुपा कर पलंग के नीचे रख दी थी देखना, उत्तरायण पर लूटी हुई पतंग मैंने तुम से छुपा कर पलंग के नीचे रख दी थी देखना,