हमसे ही फिर पहचान हमारी कर जाते हैं ! हमसे ही फिर पहचान हमारी कर जाते हैं !
और उसे चालान भरना पड़ता है। और उसे चालान भरना पड़ता है।
क्यों नहीं चला पाऊँगा इतने सालों से तो चला रहा हूँ। क्यों नहीं चला पाऊँगा इतने सालों से तो चला रहा हूँ।
आओ सुनाऊं अविष्कारों की सबको मैं ये बात तमाम, कैसे, किसने, क्या था, खोजा और क्या हैं उनके नाम... त... आओ सुनाऊं अविष्कारों की सबको मैं ये बात तमाम, कैसे, किसने, क्या था, खोजा और क्य...