और तुम कहते हो, बस इतनी सी बात है ? और तुम कहते हो, बस इतनी सी बात है ?
अंदर ही अंदर से छलनी कर जाते हैं। अंदर ही अंदर से छलनी कर जाते हैं।
I am deleting my poems. I am deleting my poems.
कोशिशें नाकाम रही, शायद किस्मत को ही साथ मंजूर नहीं, कोशिशें नाकाम रही, शायद किस्मत को ही साथ मंजूर नहीं,