"मैं शहर हूँ मैं गांव से बहुत आगे निकल चुका हूँ , गांव को तो मैं हजार कदम पीछे छो "मैं शहर हूँ मैं गांव से बहुत आगे निकल चुका हूँ , गांव को तो मैं हजा...
जो न सोचा था कभी सो हो गया है तंत्र बिगड़ा है कहीं जन खो गया है । तीर अब ईमानदारों जो न सोचा था कभी सो हो गया है तंत्र बिगड़ा है कहीं जन खो गया है । तीर...
अब क्यों मिले तुम मुझे मेरे इस हाल में जब दिल सोचने लगा की मर चुका मैं। अब क्यों मिले तुम मुझे मेरे इस हाल में जब दिल सोचने लगा की मर चुका मैं।
उसने मुझे आज एक ताना मार दिया दिल को मेरे आज हरा दिया। उसने मुझे आज एक ताना मार दिया दिल को मेरे आज हरा दिया।
इस कविता के माध्यम से मैं मातृभूमि के प्रति अपना प्रेम व्यक्त करना चाहती हूँ| इस कविता के माध्यम से मैं मातृभूमि के प्रति अपना प्रेम व्यक्त करना चाहती हूँ| ...
ऐसा उपहार देंगे हम तुमको, बोलोगे जी शुक्रिया वाह-वाह। ऐसा उपहार देंगे हम तुमको, बोलोगे जी शुक्रिया वाह-वाह।