तब अच्छा खाना क्यों नहीं और अब ये हलुआ पूरी क्यों। तब अच्छा खाना क्यों नहीं और अब ये हलुआ पूरी क्यों।
एक आदमी में ही जाने कितने सुंदर सुंदर चेहरे हैं। एक आदमी में ही जाने कितने सुंदर सुंदर चेहरे हैं।
जो सृजन करती है वह नारी ही है... नारी के बिना चराचर, ब्रह्माण्ड भी अधुरा है... असलिए हम सब नारी शक्त... जो सृजन करती है वह नारी ही है... नारी के बिना चराचर, ब्रह्माण्ड भी अधुरा है... अ...
सब की भूख मिटाती हैं रोटी अच्छे बुरे कर्म करवाती है रोटी सब की भूख मिटाती हैं रोटी अच्छे बुरे कर्म करवाती है रोटी
ऐसा उपहार देंगे हम तुमको, बोलोगे जी शुक्रिया वाह-वाह। ऐसा उपहार देंगे हम तुमको, बोलोगे जी शुक्रिया वाह-वाह।