जो न सोचा था कभी सो हो गया है तंत्र बिगड़ा है कहीं जन खो गया है । तीर अब ईमानदारों जो न सोचा था कभी सो हो गया है तंत्र बिगड़ा है कहीं जन खो गया है । तीर...
घबरा कर मेरा, 'आज', ठिठक कर रह गया है। लगता है वजूद मेरा, बस कागज़ों पर रह गया है घबरा कर मेरा, 'आज', ठिठक कर रह गया है। लगता है वजूद मेरा, बस कागज़ों पर रह गया...
हम सब जिंदगी में कई बार बहुत कुछ सोचते और लिखते हैं, पर उसे बोलते या जिसे पढ़ाना है उसे पढ़ाते नहीं ... हम सब जिंदगी में कई बार बहुत कुछ सोचते और लिखते हैं, पर उसे बोलते या जिसे पढ़ाना...