अलक नगरी के कुंदन सही सलामत लौट आया भारत केसरी नंदन वर्तमान अभिनंदन। अलक नगरी के कुंदन सही सलामत लौट आया भारत केसरी नंदन वर्तमान अभिनंदन।
फिर ज़ात-ए -ख़ुदा तेरा फ़रिश्तों में नाम लेगी। फिर ज़ात-ए -ख़ुदा तेरा फ़रिश्तों में नाम लेगी।
हर बाधा का कान मरोड़ा है। हर बाधा का कान मरोड़ा है।
ऊंचाइयों का अंबार है हाथ उठाकर छूना है । ऊंचाइयों का अंबार है हाथ उठाकर छूना है ।
वह प्रतिदिन बच्चों का सामान फेरी लगाकर बेंचा करता था। वह प्रतिदिन बच्चों का सामान फेरी लगाकर बेंचा करता था।
एक कुंदन भी कभी लोहा हो जाता है संगत से तो हंस भी कौआ हो जाता है! एक कुंदन भी कभी लोहा हो जाता है संगत से तो हंस भी कौआ हो जाता है!