अलक नगरी के कुंदन सही सलामत लौट आया भारत केसरी नंदन वर्तमान अभिनंदन। अलक नगरी के कुंदन सही सलामत लौट आया भारत केसरी नंदन वर्तमान अभिनंदन।
फिर तुम्हीं कहो इसका भविष्य क्या होता ? फिर तुम्हीं कहो इसका भविष्य क्या होता ?
कैसा है ये मोह कैसी है ये माया जो आया इस संसार में वो इसे छोड़ ना पाया। कैसा है ये मोह कैसी है ये माया जो आया इस संसार में वो इसे छोड़ ना पाया।
मगर कोई हमें समझ ना पाया क्योंकि हमारी आदत है मुस्कुराने की। मगर कोई हमें समझ ना पाया क्योंकि हमारी आदत है मुस्कुराने की।