ज़िन्दगी को इतने करीब से पहले कभी महसूस नहीं किया था मैंने, जब तुम्हारे होठों के स्न ज़िन्दगी को इतने करीब से पहले कभी महसूस नहीं किया था मैंने, जब तुम्हारे हो...
इस उपलब्धि में बना सहायक प्यारा अपना समाज। इस उपलब्धि में बना सहायक प्यारा अपना समाज।
गुरु बिना हर उपलब्धियां है बेकार, जो भी आज्ञा दोगे, मुझे है स्वीकार। गुरु बिना हर उपलब्धियां है बेकार, जो भी आज्ञा दोगे, मुझे है स्वीकार।
यह मनुष्य की नैतिक क्षमताओं को पूरी तरह से नष्ट कर देता है। यह मनुष्य की नैतिक क्षमताओं को पूरी तरह से नष्ट कर देता है।
कभी जुदा ना होंगे जो लम्हें जीवन में जोड़ गया जाते वर्ष के गर्भ से ही निकल रहा है साल नया तू ही ... कभी जुदा ना होंगे जो लम्हें जीवन में जोड़ गया जाते वर्ष के गर्भ से ही निकल रह...
लगा घर तो जर्जर हो चला है रहने लायक नहीं बचा है। घर के बाहर देर से खड़े देख रहे हैं अपनी उड़ान का... लगा घर तो जर्जर हो चला है रहने लायक नहीं बचा है। घर के बाहर देर से खड़े देख रह...