मेरा उपन्यास... उनके अभेद्य हृदय का... स्पंदन ही था। मेरा उपन्यास... उनके अभेद्य हृदय का... स्पंदन ही था।
धनपत है उनका नाम, जिसने बढ़ाया लमही का मान। धनपत है उनका नाम, जिसने बढ़ाया लमही का मान।
मैं अब मजबूत हो गया, एक पल ऐसा आया, जब मैं मशहूर। मैं अब मजबूत हो गया, एक पल ऐसा आया, जब मैं मशहूर।
ये उत्तर ढूंढा जा सकता है मनुष्य की कविता में कहानी में उपन्यास में। ये उत्तर ढूंढा जा सकता है मनुष्य की कविता में कहानी में उपन्यास में।
लिखूं तो आखिर क्या मैं लिखूं अकुलाहट दिल में पाती हूँ लिखूं तो आखिर क्या मैं लिखूं अकुलाहट दिल में पाती हूँ
एक पूर्ण उपन्यास जो तुम्हारे आँखों में समा तुम्हारे व्याख्या और तुम्हारे हृदय एक पूर्ण उपन्यास जो तुम्हारे आँखों में समा तुम्हारे व्याख्या और तुम्हारे हृदय