कोई नहीं है किसी का नज़र है सिर्फ अपने फूले हुए बटुए में। कोई नहीं है किसी का नज़र है सिर्फ अपने फूले हुए बटुए में।
हर दिन है मस्ती भरे हर दिन है मस्ती भरे
सिर्फ सोचने कहने से नहीं, दिल से यह वादा निभाना है। सिर्फ सोचने कहने से नहीं, दिल से यह वादा निभाना है।
मुझ को भट्टी में पका कर किया, मज़बूत फिर किया मुझ पर, रंग-रोगन मुझ को भट्टी में पका कर किया, मज़बूत फिर किया मुझ पर, रंग-रोगन
पैसा कमाकर हम अच्छे आरामदायक जीवन का सामान खरीदते पैसा कमाकर हम अच्छे आरामदायक जीवन का सामान खरीदते
उस दरिन्दे की शिक्षित संस्कार पे मुझे शर्म आती है। उस दरिन्दे की शिक्षित संस्कार पे मुझे शर्म आती है।