मत करो अपमान पवित्र गीता का यहाँ, ना जाने कितने झूठ का पाप ढ़ो रही है वह, सिसक सिसक कर रो रही है वह... मत करो अपमान पवित्र गीता का यहाँ, ना जाने कितने झूठ का पाप ढ़ो रही है वह, सिसक ...
यह कविता उनके लिए हैं जो प्यार तो करते हैं, पर इज़हार करने से डरते हैं... यह कविता उनके लिए हैं जो प्यार तो करते हैं, पर इज़हार करने से डरते हैं...
थोड़ी अल्हड़ थोड़ी पागल वो मासूम सी लड़की अप्सराओं और परियों से ज्यादा वो प्यारी सी लड़की कभी हसात... थोड़ी अल्हड़ थोड़ी पागल वो मासूम सी लड़की अप्सराओं और परियों से ज्यादा वो प्यार...
उसके बारे क्या कहां जाए, जो दिल के सबसे करीब है...? आप क्या कहते है...? नहीं बताओगे...? तो चलो हम बत... उसके बारे क्या कहां जाए, जो दिल के सबसे करीब है...? आप क्या कहते है...? नहीं बता...
उमड़ घुमड़ कर कारे बदरा पीहर की याद दिलाए! उमड़ घुमड़ कर कारे बदरा पीहर की याद दिलाए!
सुनो ना कुछ बातें करनी है तुमसे कुछ तुम्हे सुनना है कुछ अपना सुनाना है! सुनो ना कुछ बातें करनी है तुमसे कुछ तुम्हे सुनना है कुछ अपना सुनाना है!