अपनापन अपनापन
रंग भी कितने अजीब होते हैं यूँ तो ये भिन्न भिन्न होते हैं! रंग भी कितने अजीब होते हैं यूँ तो ये भिन्न भिन्न होते हैं!
सब धर्मो के सभी जाति के , भेदभाव को विसारकर। सब धर्मो के सभी जाति के , भेदभाव को विसारकर।
सबके संग ही कीजिए सदा सबके संग ही कीजिए सदा
पर फिर कुछ पल की मायूसी के बाद यह एहसास होता है, पर फिर कुछ पल की मायूसी के बाद यह एहसास होता है,
बदलते स्वरूप मौसम, सुनहरी बसंत है मां सहती स्वयं धूप, लुटाती गहरी छांव है मां बदलते स्वरूप मौसम, सुनहरी बसंत है मां सहती स्वयं धूप, लुटाती गहरी छांव है मा...