बुढ़ापे में फिर क्यों, आफत अपने सर बुला बैठे। बुढ़ापे में फिर क्यों, आफत अपने सर बुला बैठे।
फेसबुक पर बात करते है लोग लेकिन कभी कभी सामनेवालों से नहीं...!!! फेसबुक पर बात करते है लोग लेकिन कभी कभी सामनेवालों से नहीं...!!!
न टूटेगा कभी आज़म अदावत से मुहब्बत का ही वो घेरा बना डाला। न टूटेगा कभी आज़म अदावत से मुहब्बत का ही वो घेरा बना डाला।
राजनीति में पार्टी और नेता कैसे विपक्ष से भी गले मिलते बै सत्ता के लिए... यह सुनाती है कविता... राजनीति में पार्टी और नेता कैसे विपक्ष से भी गले मिलते बै सत्ता के लिए... यह सुन...
नव "पूर्णिमा" गगन को रोशन न कर सकी, धरती भी चल पड़ी अब बगावत के रास्ते। नव "पूर्णिमा" गगन को रोशन न कर सकी, धरती भी चल पड़ी अब बगावत के रास्ते।
ढूँढ ना लूँ उसे कहीं उसके नक़्श-ए-पा देखकर अपने दुपट्टे को ज़मीँ पे इरादतन रगड़ाता चल रहा है कोई ढूँढ ना लूँ उसे कहीं उसके नक़्श-ए-पा देखकर अपने दुपट्टे को ज़मीँ पे इरादतन रगड़ाता...