वचन
वचन
अप्रतिम और अनुपम है
जितना किया जाए उतना कम है
विश्वास का है ये आधार
लगादे मुश्किलों में नैया पार
रिश्तों की नींव होता है ये
कल्पनाओं को सजीव कर देता है ये
जीवन के पथ पर देता है सहारा
होता है परम मित्र हमारा
आज इस संध्या की बेला में
मेरी प्रिये तुमसे करना है मुझे
एक दृढ़ निश्चयी वचन
वचन जो ,
तुम्हें बनादे मेरा
जो मन में है मेरी लगन,
वही सुदृढ़ लगन जो
तुम्हें बनादे मेरा
आओ तुम्हें
इस क्षण में
भावनाओं की लहर में
लेता हूँ मैं प्रतिज्ञा
देता हूं
एक दृढ़ निश्चयी वचन
वचन जो,
तुम्हें बनादे मेरा।
साथ न टूटे
सातों जन्म
वही पवित्र बंधन
जो तुम्हें बना दे मेरा।