Arti Pundir

Inspirational

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स्त्री

स्त्री

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हे सृष्टि की रचयिता लिख, अपनी नयी कहानी।

दामन में रख उम्मीदें, ऑ॑खों में अम्बर आसमानी।।

 उठ सहेज अस्तित्व अपना अब काहे की देरी है

खोल पंख और भर उड़ान यह सारी दुनिया तेरी है

खुद ही लड़ खुद की खातिर ना कर आनाकानी

दामन में रख उम्मीदें ऑ॑खों में अम्बर आसमानी।


मार्ग प्रशस्त करना है अपना तो दुर्गा, काली,उमा बन जा

पहाड़ों का सीना रख ऑ॑धियों के समक्ष तन जा

न राधा,सीता,सावित्री बन ना बन मीरा दीवानी

दामन में रख उम्मीदें ऑ॑खों में अम्बर आसमानी।


कोई नहीं यह कहने वाला तूने कितना त्याग किया।

किस-किस के सहे ताने और कितना गरल पिया

ममता भरे जज़्बात रख हौसला रख तूफानी

दामन में रख उम्मीदें ऑ॑खों में अम्बर आसमानी।


क्यों किसी के पाप धोए क्यों बने तू गंगा-यमुना

क्यों ऑ॑खों से बह जाए जीवन का हर एक सपना

अविरल निर्मल धारा बन मत बन ऑ॑खों का पानी

दामन में रख उम्मीदें ऑ॑खों में अम्बर आसमानी।


शर्म-ओ- हया गर गहने हैं तो इनको गहने ही रहने दे

जितनी भर जरूरत हो उतना ही मन को सहने दे

जब काम किए उत्कृष्ट तो काहे नजर झुकानी

दामन में रख उम्मीदें ऑ॑खों में अम्बर आसमानी।


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