स्त्री क्या चाहती है
स्त्री क्या चाहती है
एक स्त्री क्या चाहती है..........
हां जी सुनिये......
एक स्त्री हूं मान और सम्मान चाहती हूं
अपनी खुद की एक पहचान चाहती हूं
ज्यादा कुछ नहीं बस ,,,,,,,,
बराबर का अधिकार चाहती हूं
बराबर का प्यार और दुलार चाहती हूं
बस मान और सम्मान चाहती हूं
जहां रहूं बेखोफ ऐसा जहान चाहती हूं
स्त्री हूं जी सम्मान चाहती हूं
ज्यादा कुछ नहीं बस,,,,,अपनी खुद की
पहचान चाहती हूं
अपनी खुद की
पहचान चाहती हूं
लोगों के लिए वो संस्कारी थी जब तक सहती रही
वो बत्तमीज हो गई जब बोलने लगी.