संघर्ष
संघर्ष
संघर्ष भरे हों रास्ते जब,
मंजिल धुंधली पड़ती हो तब,
न उम्मीद खोना, न साहस छोड़ना,
काँटों से भरी राह, बस चलते रहना ।
धैर्य रखना, वो मंजर भी आएगा,
आंखें खुशी से नम होगी,
जब मंजिल करीब पायेगा,
न नींद होगी,
न खुशी का ठिकाना होगा,
बस तुम और तुम्हारे सपनों का आशियाना होगा।
तब तुम देख अपने संघर्ष मुस्कुराओगे, '
अतीत की बीती रात से ही तो,
जीत का घर सजाओगे,
वो सूरज की चमक भी कुछ अलग होगी,
टिमटिमाहट भी मलंग होगी।
जब पूरा आसमान तेरे गुण गायेगा,
तब चाँद भी तुझे देख गुनगुनायेगा
ऐसी रात होगी तेरी,
जब अपने सपने तू करीब पायेगा।