शिक्षा
शिक्षा
शिक्षा ही व्यक्ति को ज्ञानी बनाती है,
यह तो समस्त संसार जानता है।
किन्तु शिक्षा जग के हर कण से मिलती है,
क्या यह ब्रह्माण्ड ये मानता है।
शिक्षा तो कोई भी अर्जित कर सकता है,
किन्तु क्या इसके महत्व को सब समझ पाते हैं?
यह शिक्षा ही है, जो हमें समर्थ बनाती है,
किन्तु क्या हम, इसकी क्षमता को पहचान पाते है?
शिक्षा है ही ऐसी, हमें ज्ञान भी देती है, सीख भी देती है,
और उत्तम मनुष्य बनने की प्रेरणा भी देती है।
उचित मार्ग भी प्रशस्त करती है,
और चयन भी हमपर छोड़ती है।
शिक्षा अनंत है, अथाह है, असीमित है।
इसके अंत में ही आरम्भ निहित है।
ये शिक्षा ही तो है, जिसके कारण मैं आज इस रचना का सृजन कर पा रही हूँ।
ये शिक्षा ही तो है, जिसके कारण मैं आज अपना दृष्टिकोण सबके समक्ष रख पा रही हूँ।
