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prakash yadav

Inspirational

4.7  

prakash yadav

Inspirational

रंगीन जहर !

रंगीन जहर !

2 mins
316


न जाने कितनो को बर्बाद होते देखा है,

जलती चिता में अरमानो को ख़ाक होते देखा है।

अपनों को अपनों के ही सामने ही बर्बाद होते देखा है,

जीवन मिला जीने को पर उसमे नशा, जहर का घोलते देखा है।

खुद के जीवन का गला घोटते देखा है,

गाढ़ी कमाई को बोतल में डूबते देखा है।


न जाने कितने परिवारों को शराब में जीते जी उबलते देखा है,

जीते जी न मरा देखा है, जिंदों को मैंने मरा देखा है।

कितनो को शराब के लिए बेताब देखा है,

इसे पीकर कितनो को बेकार होते देखा है।


पीनेवाले कर्जदारों को देखा है,

इनके अपनो के अरमानो को राख होते देखा है।

कुछ लोगों को अड्डों पे उधार लेते देखा है,

उनके परिवारों को कितनो के सामने हाथ पसारते देखा है।


न जाने कितनो को इसमें जलते देखा है,

समाज के लोगों को इनपे हँसते देखा है।

ना समझी में कितनो को इसमें खोते देखा है,

नशे की हालत में यहाँ-वहाँ सोते देखा है।


कितनो को शराब के पास आते देखा है,

अपनों को अपनों से दूर जाते देखा है।

न जाने कितनो को नशे के लिए तड़पते देखा है,

इनके अपनों को दु:ख से फडफडाते देखा है।


न जाने कितनो की...

नशे में पलकों को झपकते देखा है,

पैरो को लड़खड़ाते देखा है,

आपस में लड़ते देखा है,

घरो को बिखरते देखा है,


बच्चों को भूख से बिलकते देखा है,

रिश्तों को टूटते देखा है,

शादियों को दम दोडते देखा है,

सड़को के किनारे बोतलों को फूटते देखा है,

अबला को बेआबरू होते देखा है,


चौराहे पर नशे को बिकते देखा है,

नशे के खरीद्दारो को देखा है,

अपनी जवानी को नशे में बर्बाद करते देखा है,

नशे में दूसरो का छिनते देखा है,

जो अपना है, वो भी दूर जाते देखा है,


जवानी के खून को उबलते देखा है,

नशे में इनकी हरकतों को उफनते देखा है,

नशे में मस्त मस्तानो को देखा है,

इन मस्तानो की मौत के फरमानों को देखा है,


नशे में रिश्तों को बिखरते देखा है,

बूढ़े माँ-बाप को आश्रमों में जाते देखा है,

अमीरों को अपनी अमीरी को नशे में झोंकते देखा है,

इनके परिवारों को न जाने क्या-क्या भुगतते देखा है,


नशे में गाड़ियों की टक्कर होते देखा है,

कई-कई परिवारों को बिखरते देखा है,

नशे के लिए इंसानी जिस्म का सौदा करते देखा है,

नशे के लिए इस हद तक लोगो को गिरते देखा है।


नशा सिर्फ़ 'रंगीन जहर' का ही नहीं,

नशा पैसे, घमंड, तरक्की और लालच का भी देखा है।


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