राखी का बंधन
राखी का बंधन
कच्चे धागों की बनी राखी,
राम-राम मेरे भाई की जिंदगी में,
सब सुख-सांध है राखि (रखना)।
जो करता है बॉर्डर पर खड़ा,
कई जनों की राखी।
भाई, राखी के बंधन को तुम हैं निभाना,
खड़ा है बॉर्डर पर फिर भी,
इस रक्षाबंधन पर एक बार घर जरूर हैं आना,
कितना है अपनी बहन से प्यार,
यह भी एक बार दिखाना।
भाई, इस रक्षाबंधन में,
सूनी रखना ना कलाई ।
सजा ली है मैंने थाली,
राखी, चंदन, रोली और मिठाई ।
रक्षा करें तेरी, मेरी राखी,
जो करता है सबकी भलाई।
बंधन यह हमारा कभी टूटे ना,
साथ बहन-भाई का यह छूटे ना,
यह कमबख्त दूरियां है तो क्या,
भाई-बहन एक दूसरे से कभी रूठें ना।
माना की तू रक्षा का प्रतीक है,
रक्षाबंधन का त्यौहार आ रहा इस वीक है,
डरते नहीं हो तुम किसी से,
पर अपने वचन को भी निभाना।
भाई,मुझे इस बार मत है सताना,
है तुम्हारी बचपन की आदत।
कितना पावन हैं भाई-बहन का रिश्ता,
बांध कर रखा है जैसे कोई डोर।
कितनी है प्रीत, कितनी है मिठास,
पास होने पर ना होगा एहसास,
जब होते हो दूर,
तब होता है इन रिश्तों का आभास।
