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akashdeep arora

Inspirational

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akashdeep arora

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पहला इम्तिहान

पहला इम्तिहान

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परीक्षणों की राह में तू शोलो सा दहक रहा,

ये पहला इम्तिहान था तू डर के कैसे झुक रहा।

ये अहम को पुकार थी, ये पहेली तेरी हार थी,

ये किस्मतों का खेल था जो बाजियां पलट रहा,

ये पहला इम्तिहान था तू डर के कैसे झुक रहा।


ये कैसी तेरी रहा थी, ये कैसा तेरा था सफर,

तू मंज़िलों को भूल के यू हार कर चला किधर,

ये ख़्वाब में जो था सहर उसका उजाला मिट रहा,

संघर्ष तेरा सालों का यू क्षण कैसे बिक रहा,

ये पहला इम्तिहान था तू डर के कैसे झुक रहा।


तू ग़लतियाँ अनेक कर, ना हार से तू डर अभी,

इन ग़लतियों से सीख कर तू अगला अपना

वार कर,

संहार कर प्रहार कर तू ऐसा कैसे रुक रहा,

ये पहला इम्तिहान था तू डर के कैसे झुक रहा।


और सोच क्या था, तू ना डरेगा कभी तू ना

रुकेगा कभी ,

तो हार को स्वीकार कर बस खुद को अब तैयार कर,

तो हार को स्वीकार कर बस खुद को अब तैयार कर,

ये पहेली बाधा देख कर तू पीछे कैसे मुड़ रहा,

ये पहला इम्तिहान था तू डर के कैसे झुक रहा।



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