नारी
नारी


ईश्वर की अद्भुत रचना है, नारी !!
सृष्टि की सृजना है, नारी !!
त्याग, बलिदान, और ममता की रूप है, नारी!!
कभी छांव तो, कभी धूप है, नारी!!
धरा के समान वह धीर है ,
कभी चंचल तो, कभी गम्भीर है!!
कभी सावित्री तो, कभी सीता है, नारी!!
कभी कुरान तो, कभी गीता है नारी!!
नारी में हर रूप समाया है,
नारी का बखान, हर किसी ने गाया है!!
समाज की आधार है, नारी!!
बसंत की बहार है, नारी!!