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Inspirational

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मदारी डुगडुगी बजा रहा है...

मदारी डुगडुगी बजा रहा है...

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मदारी डुगडुगी बजा रहा है

तमाशा सबको ही दिखा रहा है

होता कुछ दिखाता और कुछ है

उल्लू सबको खूब बना रहा है

बिल्लियां मिल-बांट सकती थीं

बंदर चालाक है, लड़ा रहा है

अंधी गली में डाल रखा हमें

गीत निजीकरण के गा रहा है

मुश्किलें देशी, हल देशी होता

हल कहीं और ढूंढा जा रहा है

नशा कभी तो उतरेगा हमारा

'आनंद' गोलियां तो खा रहा है


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