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Kavya Jain

Abstract

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Kavya Jain

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मैं मुसलमान हूं तेरा

मैं मुसलमान हूं तेरा

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तू हिंदी सी पवित्र

मै उर्दू सा पाक

तू मेरी नमाज़ों की दुआ

मैं तेरे पूजा का पाठ

तू मेरी तहजीब के जैसी

मै तेरे संस्कार जैसा

तू मेरे गुरूर की तरह

मैं तेरे अहंकार जैसा

तू गले में ताबीज़ सा मेरी

मैं हाथ में कलावा सा तेरे

तू खुदा से फरियाद है मेरी

मैं भगवान से प्रार्थना सा तेरे

तू मुकम्मल ज़मीन है मेरी

मैं पूरा आकाश हूं तेरा

तू ख्याल है निकाह का मेरे

मैं सपना हूं फेरों का तेरा

तू मुहब्बत है मेरी

मै प्रेम हूं तेरा

तू हिन्दू है मेरी

मै मुसलमान हूं तेरा


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