मैं मिरे ख्वाबों का मुन्तजिर हूँ
मैं मिरे ख्वाबों का मुन्तजिर हूँ
मैं मिरे ख्वाबों का मुन्तजिर हूं
जो मेरे माँ की आखों में मुझे दिखते हैं
जो मेरे बाबा की कहानियों में मिलते हैं
जो मेरे भाई उमिदो के साए हैं
जो मेरे दादा ने मुझे बचपन से बतलाए हैं
मैं मुन्तजिर हूं फिर
जब मेरे होने से कोई तंज ना होगा
जब मेरे ना होने पर कोई रंज ना होगा
जब मेरे पास हर सवाल का
जवाब होगा ओर लाज़वाब होगा
मैं मुन्तजिर ही रह ना जाऊ की
मैरी चाहत मुझे चाहे
मुझे देखने को मेरी राह से
गुजरे ओर मेरी जिंदगी उसकी
बाहों में गुजरे ओर मेरी आखे उसे
आयना लगे
ओर में मुन्तजिर हूं कि जब
मेरी आखरी घड़ी हो मैं मुन्तजिर
ना रह जाऊं।